
पाकिस्तान में जयशंकर का बड़ा बयान: आतंकवाद और व्यापार साथ नहीं चल सकते, सीमाओं का सम्मान ज़रूरी
पाकिस्तान में जयशंकर का बड़ा बयान: आतंकवाद और व्यापार साथ नहीं चल सकते, सीमाओं का सम्मान ज़रूरी
विदेश मंत्री एस S Jaishankar ने Pakistan में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक में हिस्सा लिया और वहां आतंकवाद और व्यापार पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि आतंकवाद के साथ व्यापार संभव नहीं है। साथ ही, सभी देशों को एक-दूसरे की सीमाओं का सम्मान करने की भी ज़रूरत है।
इससे पहले, Pakistan के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बैठक की शुरुआत में कहा कि Pakistan शांति, सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने खासतौर से अफगानिस्तान के साथ शांति बनाए रखने की अहमियत पर ज़ोर दिया, ताकि आतंकवाद वहां से उसके पड़ोसियों के खिलाफ न पनप सके।
SCO की बैठक में मुख्य रूप से व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा हुई। बैठक के बाद दोपहर को सभी नेताओं के लिए लंच आयोजित किया गया और शाम 4 बजे विदेश मंत्री S Jaishankar Pakistan से रवाना होंगे।
मंगलवार की रात SCO नेताओं के लिए एक विशेष डिनर का आयोजन भी किया गया था, जहां S Jaishankar और शहबाज शरीफ की मुलाकात हुई। दोनों ने हाथ मिलाया, जो कि पिछले साल गोवा में हुई SCO बैठक से बिल्कुल अलग था। उस समय S Jaishankar ने Pakistan के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से हाथ मिलाने से बचते हुए उन्हें सिर्फ ‘नमस्ते’ किया था।
डिनर के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें एक Pakistanी कलाकार ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी। इस दौरान शहबाज शरीफ चीन और कजाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ बैठे नज़र आए।
S Jaishankar ने अपने संबोधन में स्पष्ट रूप से कहा कि SCO का उद्देश्य पूरा करने के लिए आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपसी विश्वास और ईमानदारी की आवश्यकता है। S Jaishankar ने कोरोना महामारी, इजराइल-हमास संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध का भी ज़िक्र किया और कहा कि यह बैठक एक चुनौतीपूर्ण समय में हो रही है, जहां जलवायु परिवर्तन और सप्लाई चेन के मुद्दों के कारण विकास पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
बैठक की शुरुआत में शहबाज शरीफ ने कहा कि Pakistan शांति, सुरक्षा और आर्थिक तरक्की का समर्थक है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के साथ सीमाएं साझा करने के कारण वहां की शांति Pakistan के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शरीफ ने चीन-Pakistan इकोनॉमिक कॉरिडोर के विस्तार की भी मांग की, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को व्यापक सोच के साथ देखने की अपील की।
विदेश मंत्री एस S Jaishankar ने करीब 9 साल बाद Pakistan का दौरा किया है, जो उन्हें इस समय का पहला भारतीय नेता बनाता है जो इतने लंबे अंतराल के बाद Pakistan की यात्रा कर रहे हैं। इससे पहले 25 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर पहुंचे थे और वहां Pakistan के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। मोदी के इस दौरे के बाद से किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री या मंत्री ने Pakistan का दौरा नहीं किया था।
मोदी के दौरे के एक साल बाद, 2016 में उरी में आतंकवादी हमले ने दोनों देशों के संबंधों में भारी तनाव पैदा कर दिया था। इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद, 2019 में जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया, तो दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए। हालांकि, 2023 में गोवा में SCO की बैठक में Pakistan के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत आकर इस तनावपूर्ण माहौल के बीच कूटनीतिक उपस्थिति दर्ज कराई थी।
S Jaishankar की इस्लामाबाद यात्रा को लेकर Pakistan के पूर्व अंतरिम प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने इसे ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच बातचीत का एक सुनहरा अवसर हो सकता है। हालांकि, उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता की कोई बड़ी उम्मीद नहीं जताई।
काकर ने कहा कि दोनों देशों को बिना समय गवाएं बातचीत शुरू करनी चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि Pakistan ने बातचीत का प्रस्ताव क्यों नहीं रखा, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे सरकार पर दबाव बढ़ सकता है और इमरान खान की पार्टी PTI इसका राजनीतिक फायदा उठा सकती है।