केरल के कासरगोड जिले के अनजूटंबलम वीरर्कावू मंदिर में हुए हादसे ने राज्य में एक बार फिर से आतिशबाजी के दौरान सुरक्षा उपायों की जरूरत पर ध्यान आकर्षित किया है। 29 अक्टूबर 2024 को हुए इस हादसे में 154 लोग घायल हो गए, जिनमें आठ की हालत गंभीर है। यह हादसा उस समय हुआ जब मंदिर में ‘थैय्यम’ उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रदर्शन हो रहा था और लगभग 1,500 से अधिक श्रद्धालु वहां मौजूद थे।
हादसे का कारण और घटनाक्रम
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हादसा तब हुआ जब आतिशबाजी के दौरान एक चिंगारी पास के कमरे में रखे अन्य पटाखों पर गिर गई। इससे वहां आग लग गई और भगदड़ मच गई। एक eyewitness ने बताया कि “चिंगारी गिरते ही लोग डरकर भागने लगे।” भगदड़ में कई लोग गिर गए और घायल हो गए।

घायलों का इलाज और प्रशासनिक कार्रवाई
हादसे के बाद, कई घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कासरगोड के सांसद और स्थानीय विधायक ने इस घटना की निंदा की है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। मंदिर के दो समिति सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, और इस मामले की गहन जांच चल रही है।
सुरक्षा उपायों का अभाव और बढ़ती चिंताएं
यह हादसा एक बार फिर से धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा उपायों की कमी को दर्शाता है। कासरगोड के नेताओं ने कहा है कि ऐसे आयोजनों के लिए उचित लाइसेंस और सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है। सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
समाज में प्रतिक्रिया और भविष्य के लिए सबक
इस हादसे ने स्थानीय समुदाय में गहरी चिंता और दुख का माहौल पैदा किया है। यह घटना न केवल कासरगोड बल्कि पूरे केरल में सुरक्षा जागरूकता का मुद्दा बन गई है। हर धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन होना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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