काली चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में दीवाली पर्व के दौरान मनाई जाने वाली महत्वपूर्ण तिथि है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है और मुख्य रूप से माता काली एवं भगवान यमराज की पूजा की जाती है। इस वर्ष काली चौदस 31 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन के पीछे मान्यता है कि काली चौदस पर विशेष पूजा करने से नकारात्मकता दूर होती है, पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मशुद्धि होती है।

काली चौदस पूजा विधि:
- स्नान और पवित्रता: काली चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए। इस दिन तिल के तेल से उबटन लगाने का महत्व है, जिससे शारीरिक और मानसिक पवित्रता प्राप्त होती है।
- दिए जलाना: घर के मुख्य द्वार पर यम के लिए एक दिया जलाना शुभ माना जाता है। इसे “यम दीया” कहा जाता है और इसे जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और घर में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
- काली माता की पूजा: माता काली की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं और फूल, नैवेद्य अर्पित करें।
- प्रसाद चढ़ाना: पूजा के दौरान माता को लड्डू, चूरमा या घर में बने मीठे का प्रसाद अर्पित करें।
- धूप-दीप और मंत्र जाप: “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
काली चौदस के वैदिक मंत्र:
- मंत्र 1: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमहंस स्वाहा।
- मंत्र 2: ॐ नमो भगवते कालीका यंत्राय नमः।
- मंत्र 3: ॐ क्रीं कालिकायै नमः।
इन मंत्रों का जप करते समय मन को शांत रखें और माँ काली से नकारात्मकता से मुक्ति और जीवन में शांति की प्रार्थना करें।
काली चौदस के लाभ और महत्त्व:
- नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: काली चौदस पर पूजा और मंत्र जप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता का संचार होता है।
- आत्मशुद्धि: इस दिन स्नान और पूजा के माध्यम से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है, जिससे आत्मा शुद्ध होती है और व्यक्ति के पापों का नाश होता है।
- अकाल मृत्यु का भय नहीं: यमराज की पूजा से व्यक्ति को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। यम दीप जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को दीर्घायु का वरदान मिलता है।
- रूप सौंदर्य का महत्त्व: इसे “रूप चौदस” भी कहा जाता है, और इस दिन उबटन आदि से शरीर की शुद्धि और सौंदर्य बढ़ाने के उपाय किए जाते हैं। इससे स्वास्थ्य और सौंदर्य में वृद्धि होती है।
पाप और पुण्य का महत्व:
काली चौदस पर यह माना जाता है कि इस दिन पूजा और साधना करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। माता काली के भक्तों को इस दिन अपने विचारों को शुद्ध रखना चाहिए और किसी भी नकारात्मक विचार से बचना चाहिए। यह दिन आत्म-सुधार का दिन माना जाता है, और कहा जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्य व्यक्ति को अनेक जन्मों तक लाभ पहुंचाते हैं।
काली चौदस एक महत्वपूर्ण धार्मिक दिन है जो हमें आध्यात्मिकता, पवित्रता और आत्म-शुद्धि का महत्व सिखाता है। इस दिन पूजा करने से हमें पापों से मुक्ति, शांति और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। काली चौदस के दिन को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाना चाहिए।
Note:-यह लेख धार्मिक मान्यताओं और सामान्य परंपराओं पर आधारित जानकारी प्रदान करता है। उपयोगकर्ता इसे अपने विवेक से अपनाएं; यह किसी भी आधिकारिक सलाह का स्थानापन्न नहीं है।
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