Hyundai Motor IPO Listing: Hyundai Motor इंडिया, देश की दूसरी सबसे बड़ी OEM (ऑरिजिनल इक्विपमेंट मेकर) और यात्री गाड़ियों की दूसरी सबसे बड़ी निर्यातक है। इसने एलआईसी को पीछे छोड़ते हुए देश का सबसे बड़ा आईपीओ (IPO) लॉन्च किया, जिसे निवेशकों से मिला-जुला रिस्पांस मिला। इस आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी हुआ, बल्कि Offer for Sale के जरिए कंपनी के पैरेंट ने शेयर बेचे।
हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ ₹27,870 करोड़ का था, जिसे कमजोर रिस्पांस मिला। कई कैटेगरीज के आरक्षित हिस्से पूरी तरह से नहीं भरे गए। आज, घरेलू मार्केट में इस कंपनी के शेयरों ने फीकी शुरुआत की। IPO को ओवरऑल 2 गुना से ज्यादा बोली मिली थी, लेकिन इसके शेयर ₹1,960 के इश्यू प्राइस पर लॉन्च होने के बावजूद BSE पर ₹1,931.00 और NSE पर ₹1,934.00 पर लिस्ट हुए। यह लिस्टिंग 1.48% की गिरावट के साथ हुई, जिससे निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला। इसके बाद शेयर और गिरकर BSE पर ₹1,922.90 तक आ गया, जिससे IPO निवेशक लगभग 1.89% नुकसान में हैं। हालांकि, कर्मचारियों को डिस्काउंट पर शेयर मिले थे, इसलिए वे फायदे में रहे।
“Hyundai Motor IPO को निवेशकों से मिला मिश्रित प्रतिक्रिया”
हुंडई मोटर का ₹27,870 करोड़ का आईपीओ, ₹1,865-₹1,960 के प्राइस बैंड में था, और इसमें निवेशकों ने 7 शेयरों के लॉट में निवेश किया। कर्मचारियों को प्रति शेयर ₹186 का डिस्काउंट मिला। IPO ओवरऑल 2.37 गुना सब्सक्राइब हुआ। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 6.97 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.60 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 0.50 गुना भरा गया। Employees का हिस्सा 1.74 गुना सब्सक्राइब हुआ। इस आईपीओ के लिए बोली 15-17 अक्टूबर के बीच लगी और 18 अक्टूबर को शेयरों का अलॉटमेंट फाइनल हुआ।
इस आईपीओ के तहत ₹10 फेस वैल्यू वाले 14.21 करोड़ शेयर Offer for Sale के जरिए बेचे गए, जो कंपनी की पैरेंट द्वारा जारी किए गए। यह कंपनी की कुल 17.5% हिस्सेदारी के बराबर है। चूंकि यह IPO पूरी तरह से Offer for Sale था, इसलिए इस IPO से जुटाए गए पैसे का फायदाHyundai Motor इंडिया को नहीं मिला, बल्कि शेयर बेचने वाली पैरेंट कंपनी को गया।
“Hyundai Motor India: देश की दूसरी सबसे बड़ी OEM और प्रमुख वाहन निर्यातक”
हुंडई मोटर इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी OEM और यात्री वाहनों की दूसरी सबसे बड़ी निर्यातक है। घरेलू मार्केट में इसकी 14.6% हिस्सेदारी है। सितंबर में कंपनी ने 64,201 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल की तुलना में 10% कम है। इस साल अब तक कंपनी ने 5.77 लाख गाड़ियां बेची हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग स्थिर रही।
वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ने ₹29.02 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया था, जो वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर ₹47.09 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 में ₹60.60 करोड़ हो गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 14% की CAGR से बढ़कर ₹713.02 करोड़ तक पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कंपनी ने ₹14.90 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹175.68 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया।