
परिचय
गांजा (मारिजुआना) को प्राकृतिक और सुरक्षित माना जाता है, लेकिन क्या यह वास्तव में हानिरहित है? एक बड़ा सवाल यह है: क्या गांजा पीने से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है? इसका उत्तर हां या नहीं में देना आसान नहीं है। वैज्ञानिक अध्ययनों में इस पर मिले-जुले परिणाम सामने आए हैं, और हालांकि अधिक शोध की आवश्यकता है, कुछ प्रमाण संभावित जोखिम की ओर इशारा करते हैं। आइए गांजे के धुएं और उसके फेफड़ों के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर मिथकों और सच्चाई को समझें।
क्या गांजा पीने से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है?
इस विषय पर अनुसंधान अभी जारी है, लेकिन अब तक हमने यह पाया है:
- कुछ अध्ययनों में गांजा पीने और फेफड़ों के कैंसर के बीच संबंध पाया गया है, जबकि कुछ में कोई स्पष्ट संबंध नहीं मिला।
- गांजे के धुएं में हानिकारक रसायन होते हैं, जैसे कि टार, बेंजीन, अमोनिया, कार्बन मोनोऑक्साइड और साइनाइड।
- इनमें से कई तत्व कैंसर कारक (कार्सिनोजेनिक) हैं और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- गांजा पीने वाले लोग सिगरेट पीने वालों की तुलना में धुएं को अधिक गहराई से अंदर लेते हैं और लंबे समय तक रोक कर रखते हैं, जिससे उनके फेफड़े अधिक विषाक्त पदार्थों को सोख सकते हैं।
गांजे का धुआं बनाम सिगरेट का धुआं: कौन अधिक खतरनाक है?
हालांकि सिगरेट के धुएं को फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण माना जाता है, गांजे के धुएं में समान हानिकारक तत्व होते हैं, और कई बार उनकी मात्रा अधिक होती है। गांजा पीने वाले अक्सर जॉइंट को पूरा जलाकर पीते हैं, जिससे टार का स्तर अधिक बढ़ सकता है।

गांजा पीने के अन्य स्वास्थ्य जोखिम
फेफड़ों के कैंसर के संभावित जोखिम के अलावा, नियमित रूप से गांजा पीने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
- फेफड़ों के ऊतक को नुकसान – लंबे समय तक गांजा पीने से पुरानी ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- अत्यधिक बलगम और लगातार खांसी – सिगरेट पीने वालों की तरह गांजा पीने वाले भी श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना – इससे व्यक्ति को निमोनिया जैसी संक्रमणीय बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है।
- फेफड़ों में संक्रमण का खतरा – गांजा के पौधे में कभी-कभी एस्परजिलस जैसे फंगल तत्व हो सकते हैं, जो कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
- फेफड़ों और छाती की दीवार के बीच वायु थैली बनना – यह स्थिति अत्यधिक दर्दनाक हो सकती है और सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न कर सकती है।
गांजा वेपिंग: क्या यह सुरक्षित है?
कई लोग मानते हैं कि गांजे को वेपिंग करना पारंपरिक धूम्रपान की तुलना में सुरक्षित है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है:
- कुछ वेप उत्पादों में विटामिन ई एसीटेट (Vitamin E Acetate) होता है, जो EVALI (ई-सिगरेट या वेपिंग से जुड़ी फेफड़ों की बीमारी) का कारण बन सकता है।
- वेपिंग भी फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है और दीर्घकालिक श्वसन समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
- कुछ वेप कार्ट्रिज और तेलों में अज्ञात हानिकारक रसायन हो सकते हैं।
सेकेंडहैंड गांजा धुआं: एक छुपा हुआ खतरा
सिगरेट के धुएं की तरह, सेकेंडहैंड गांजा धुआं भी सुरक्षित नहीं है:
- THC (गांजे में मौजूद नशीला तत्व) नॉन-स्मोकर्स के शरीर में भी प्रवेश कर सकता है।
- बच्चे और किशोर विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं, और अध्ययन में यह पाया गया है कि गांजे के धुएं के संपर्क में आने वाले बच्चों के शरीर में THC के निशान मिल सकते हैं।
- यह स्पष्ट नहीं है कि सेकेंडहैंड गांजा धुआं सीधे कैंसर का कारण बनता है या नहीं, लेकिन बार-बार इसके संपर्क में आना फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
वैज्ञानिक अध्ययन: विशेषज्ञों की राय क्या है?
गांजा पीने के प्रभावों पर अध्ययन करना चुनौतीपूर्ण रहा है क्योंकि अधिकांश गांजा पीने वाले लोग तंबाकू भी सेवन करते हैं, जिससे वास्तविक प्रभाव को अलग करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए हैं:
- 60,000 से अधिक पुरुषों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि गांजा पीने से तंबाकू-संबंधी कैंसर या अन्य सामान्य कैंसर का कोई सीधा संबंध नहीं था।
- अन्य अध्ययनों में पाया गया कि नियमित गांजा पीने वालों के फेफड़ों के ऊतकों में बदलाव देखा गया, जो भविष्य में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
गांजा पीने से होने वाले जोखिम को कैसे कम करें?
यदि आप गांजा पीते हैं, तो इन उपायों से संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है:
- गांजे को तंबाकू के साथ न मिलाएं, क्योंकि तंबाकू कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
- धुएं को फेफड़ों में अधिक देर तक न रोकें, क्योंकि यह सिर्फ फेफड़ों को अधिक नुकसान पहुंचाता है।
- कम रोलिंग पेपर का उपयोग करें – अधिक कागज जलने से अधिक हानिकारक रसायन उत्पन्न होते हैं।
- प्लास्टिक या एल्युमिनियम पाइप से बचें, क्योंकि वे विषाक्त धुएं छोड़ सकते हैं – कांच या स्टील का उपयोग करें।
- धूम्रपान के बजाय वैकल्पिक तरीकों पर विचार करें, जैसे एडिबल्स (खाने योग्य उत्पाद) या टिंचर, ताकि फेफड़ों की सुरक्षा की जा सके।
निष्कर्ष: क्या आपको चिंता करनी चाहिए?
इस समय वैज्ञानिक स्पष्ट रूप से यह नहीं कह सकते कि गांजा पीने से फेफड़ों का कैंसर होता है या नहीं, लेकिन प्रमाण यह दर्शाते हैं कि यह फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लंबे समय तक गांजा सेवन से पुरानी ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों का संक्रमण, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, और संभवतः कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आप अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, तो किसी डॉक्टर से सलाह लें और सुरक्षित विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
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